Not known Factual Statements About shiv chalisa lyricsl
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
कल्याणकारी शिवयोग में मनेगा महाशिवरात्रि का पावन पर्व, जानिए खास बातें
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ- हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे Shiv chaisa पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते Shiv chaisa हुए एक कमल को छुपा लिया।
शिव आरती
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
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भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
शिव भजन
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब shiv chalisa lyricsl नाम कहाई॥